Class 10th Chemistry Chapter 2 Notes in Hindi – अम्ल, क्षारक एवं लवण (Acid, Base and Salt) के इस पोस्ट में हम आपको NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित, सरल, स्पष्ट और परीक्षा-उपयोगी संपूर्ण नोट्स उपलब्ध करा रहे हैं।
यह नोट्स विशेष रूप से CBSE, Bihar Board, UP Board तथा अन्य राज्य बोर्डों के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए तैयार किए गए हैं, ताकि वे इस अध्याय के प्रत्येक सिद्धांत को आसानी से समझ सकें और बोर्ड परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकें।
इस अध्याय में हमने अम्ल, क्षारक और लवण से संबंधित सभी प्रमुख अवधारणाएँ जैसे –
अम्लों के प्रकार (प्राकृतिक एवं कृत्रिम), क्षारकों की विशेषताएँ, लवणों की संरचना, pH मान का महत्व, तथा सार्वभौमिक संकेतक (Universal Indicator) आदि को विस्तारपूर्वक और बोर्ड परीक्षा पैटर्न के अनुसार समझाया है।
साथ ही, इस अध्याय में न्यूट्रलाइज़ेशन अभिक्रिया (Neutralization Reaction), अम्लीय वर्षा (Acid Rain), दैनिक जीवन में अम्ल एवं क्षारों का प्रयोग, बेकिंग सोडा, वॉशिंग सोडा और प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) जैसे महत्वपूर्ण यौगिकों का भी अध्ययन किया गया है।
हर विषय को सरल व्याख्या, रासायनिक सूत्रों, समीकरणों, उदाहरणों और मुख्य बिंदुओं (Key Points) के माध्यम से इस प्रकार समझाया गया है कि विद्यार्थी इसे आसानी से याद रख सकें और परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।
अगर आप Class 10th Chemistry Chapter 2 – अम्ल, क्षारक एवं लवण (Acid, Base and Salt) को एकदम आसान भाषा में समझना चाहते हैं और बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करना चाहते हैं,
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Class 10th Chemistry Chapter 2 Notes in Hindi

अम्ल (Acid)
अम्ल वह पदार्थ होता है जो जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन (H⁺) उत्पन्न करता है।
उदाहरण – HCl → H⁺ + Cl⁻
अम्ल के गुण
- स्वाद में खट्टा होता है।
- नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
- कुछ धातुओं के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है।
- कुछ पदार्थों को घुलाने की क्षमता रखता है।
- क्षार के गुण को उदासीन कर देता है।
- प्रबल अम्ल जैसे HCl, H₂SO₄ और HNO₃ संक्षारक (Corrosive) होते हैं, जबकि कमजोर अम्ल जैसे साइट्रिक अम्ल, लैक्टिक अम्ल भोजन में पाए जाते हैं।
क्षारक (Base)
वह पदार्थ जो जल में घुलने पर हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) उत्पन्न करता है, क्षारक कहलाता है।
उदाहरण – NaOH → Na⁺ + OH⁻
क्षारक के गुण
- स्वाद में तीखा होता है।
- लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है।
- अम्ल के गुण को उदासीन कर देता है।
- स्पर्श में फिसलनदार महसूस होता है।
- कुछ क्षार जैसे NaOH, KOH और Ca(OH)₂ पानी में घुलनशील होते हैं जिन्हें अल्कली कहा जाता है।
पदार्थों में उपस्थित अम्ल
| पदार्थ | अम्ल का नाम |
| संतरा या नींबू का रस | साइट्रिक अम्ल |
| सेव | मौलिक अम्ल |
| इमली | टार्टरिक अम्ल |
| सिरका | एसीटिक अम्ल |
| दही | लैक्टिक अम्ल |
| टमाटर | ऑक्सैलिक अम्ल |
| अमाशय रस | हाइड्रोक्लोरिक अम्ल |
| चाय | टैनिक अम्ल |
| विटामिन C | एस्कॉर्बिक अम्ल |
| लाल चींटी | मेथेनोइक अम्ल |
| पेशाब | यूरिक अम्ल |
| प्याज | स्कार्बिक अम्ल |
| हरा अंगूर | टार्टरिक अम्ल |
सुचक (Indicator)
ऐसे पदार्थ जो किसी विलयन के अम्लीय, क्षारीय या उदासीन होने की सूचना अपने रंग या गंध में परिवर्तन से देते हैं, उन्हें सुचक कहा जाता है।
सुचक के प्रकार
1. प्राकृतिक सुचक:
ये पौधों से प्राप्त होते हैं।
- लिटमस – अम्ल में लाल और क्षार में नीला।
- हल्दी – अम्ल में पीली और क्षार में लाल।
2. कृत्रिम सुचक:
ये रसायनों से बनाए जाते हैं।
- मेथिल ऑरेंज – अम्ल में लाल और क्षार में पीला।
- फिनॉल्फ्थेलीन – अम्ल में रंगहीन और क्षार में गुलाबी।
3. गंधीय सुचक:
इनकी गंध अम्लीय या क्षारीय विलयन में बदल जाती है।
- प्याज का रस – अम्ल में तीक्ष्ण गंध, क्षार में गंध नहीं रहती।
- लौंग का तेल – अम्ल और क्षार दोनों में समान रहता है।
लिटमस
लिटमस एक बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलोफाइटा समूह के लाइकेन पौधों से प्राप्त किया जाता है।
यह अम्ल और क्षार की पहचान के लिए सबसे सामान्य सुचक है।
अम्लीय विलयन में लिटमस लाल और क्षारीय विलयन में नीला हो जाता है।
अम्ल के प्रकार (Types of Acids)
ऑक्सी अम्ल:
वे अम्ल जिनमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों तत्व उपस्थित रहते हैं, ऑक्सी अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण –
नाइट्रिक अम्ल (HNO₃), नाइट्रस अम्ल (HNO₂) आदि।
अम्लों में सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) को “अम्लों का राजा” कहा जाता है क्योंकि यह सबसे अधिक प्रयुक्त और शक्तिशाली अम्ल है।
हाइड्रा अम्ल:
वे अम्ल जिनमें केवल हाइड्रोजन उपस्थित होता है, हाइड्रो अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण – हाइड्रोबोरिक अम्ल (HBS) आदि।
अम्ल की शक्तियाँ (Strength of Acids)
प्रबल अम्ल:
वे अम्ल जो जल में घुलकर लगभग पूरी तरह आयनित होकर हाइड्रोजन आयन प्रदान करते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण – HCl, HNO₃, H₂SO₄
दुर्बल अम्ल:
वे अम्ल जो जल में घुलकर केवल आंशिक रूप से आयनित होते हैं, दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण – कार्बोनिक अम्ल (H₂CO₃), एसीटिक अम्ल (CH₃COOH)
सांद्र अम्ल:
वह अम्ल जिसमें अम्ल की मात्रा अधिक और जल की मात्रा कम होती है, सांद्र अम्ल कहलाता है।
तनु अम्ल:
वह अम्ल जिसमें अम्ल की मात्रा कम और जल की मात्रा अधिक होती है, तनु अम्ल कहलाता है।
अम्ल के रासायनिक गुण (Chemical Properties of Acids)
- अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
जब अम्ल धातु के साथ अभिक्रिया करता है, तो लवण और हाइड्रोजन गैस बनती है।
उदाहरण – Zn + H₂SO₄ → ZnSO₄ + H₂ - अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवण + जल + कार्बन डाइऑक्साइड
धातु कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करने पर अम्ल लवण, जल और CO₂ बनाता है।
उदाहरण – CaCO₃ + 2HCl → CaCl₂ + H₂O + CO₂ - अम्ल + धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट → लवण + जल + कार्बन डाइऑक्साइड
उदाहरण – NaHCO₃ + HCl → NaCl + H₂O + CO₂
अम्ल का उपयोग (Uses of Acids)
- दैनिक आहार में और पाचन में सहायक।
- अचार, मुरब्बा, जेली आदि बनाने में।
- गहनों और बर्तनों को साफ करने में।
- उद्योगों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों के निर्माण में।
- औषधियों और स्वास्थ्य रक्षण में उपयोगी।
क्षारक का उपयोग (Uses of Bases)
- मकानों की सफेदी (पुताई) में।
- जल की कठोरता दूर करने में।
- जल में उपस्थित कीटाणुओं को नष्ट करने में।
- मृदा की अम्लीयता को दूर करने में।
- साबुन, डिटर्जेंट और उद्योगों में रासायनिक निर्माण में।
pH स्केल (pH Scale)
pH स्केल एक ऐसा पैमाना है जिससे किसी विलयन की अम्लीयता, क्षारीयता या उदासीनता की जांच की जाती है।
pH का अर्थ “हाइड्रोजन की शक्ति (Power of Hydrogen)” होता है।
- pH का मान 0 से 14 तक होता है।
- इसका निर्माण 1909 ईस्वी में फ्रेंच वैज्ञानिक S.P.L. सोरेनसन (S.P.L. Sorensen) ने किया था।
- उदासीन जल का pH मान 7 होता है।
- अम्लीय विलयन का pH मान 7 से कम होता है।
- क्षारीय विलयन का pH मान 7 से अधिक होता है।
विलयन का pH मान (pH Value of Common Substances)
| विलयन | pH मान |
| हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | 0.0 |
| अम्ल पित्त | 1–2 |
| नींबू रस | 2.2–2.4 |
| सिरका | 2.5–3.5 |
| शराब | 2.8–3.8 |
| अंगूर का रस | 3.5 |
| टमाटर का रस | 4–4.4 |
| मानव मूत्र | 5.5–7.5 |
| अम्ल वर्षा | 5–5.6 |
| लार | 6.5–6.9 |
| दूध | 6.5 |
| शुद्ध जल | 7 |
| मानव रक्त | 7.35–7.45 |
| आँसू | 7.4 |
| चुना जल | 11 |
अम्लीय वर्षा (Acid Rain)
जब वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाता है, तो उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
यह वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO₂) जैसे प्रदूषकों के कारण होती है, जो जलवाष्प के साथ मिलकर अम्ल बनाते हैं।
pH का महत्व (Importance of pH)
- मानव शरीर का pH परास 7 से 7.8 के बीच होता है।
- पौधों की उचित वृद्धि के लिए मिट्टी का pH मान 7 से 7.6 के बीच होना चाहिए।
- कुत्ते के अमाशय में अत्यधिक सांद्र HCl बनता है जिससे वह हड्डी को चबाकर पचा सकता है।
तनुकरण (Dilution)
जब किसी अम्ल या क्षारक को जल में मिलाया जाता है, तो उसके आयनों की सांद्रता प्रति इकाई आयतन में घट जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहा जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि सांद्र अम्ल में धीरे-धीरे जल मिलाया जाए, तो अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है और यह प्रयोग के लिए सुरक्षित बन जाता है।
लवण (Salt)
अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से जो उदासीन पदार्थ (neutral substance) बनता है, उसे लवण कहते हैं।
समीकरण:
अम्ल + क्षार → लवण + जल
उदाहरण – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) की अभिक्रिया से सोडियम क्लोराइड (NaCl) और जल बनता है।
लवणों का वर्गीकरण (Classification of Salts)
1. सामान्य लवण (Normal Salt)
ऐसे लवण जिनमें कोई विस्थापनशील हाइड्रोजन नहीं होता, उन्हें सामान्य लवण कहते हैं।
उदाहरण: NaCl, KCl
2. अम्लीय लवण (Acidic Salt)
जब किसी अम्ल के अणु में उपस्थित कुछ हाइड्रोजन परमाणु धातु द्वारा आंशिक रूप से प्रतिस्थापित किए जाते हैं, तब अम्लीय लवण बनता है।
उदाहरण: NaHSO₄
3. क्षारिय लवण (Basic Salt)
ऐसे लवण जिनके अणु में एक से अधिक हाइड्रॉक्सिल समूह (–OH) उपस्थित रहते हैं, उन्हें क्षारिय लवण कहा जाता है।
उदाहरण: Pb(OH)NO₃ → भास्मिक लेड नाइट्रेट
लवण के परिवार (Families of Salts)
लवण आयनिक यौगिक होते हैं जो धनायन (cation) और ऋणायन (anion) से मिलकर बने होते हैं। समान आयन वाले लवण एक ही परिवार में आते हैं।
मुख्य 10 प्रकार के लवण परिवार होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
1. सल्फेट परिवार
- पोटैशियम सल्फेट (K₂SO₄)
- अमोनियम सल्फेट ((NH₄)₂SO₄)
2. सोडियम परिवार
- सोडियम एसीटेट (CH₃COONa)
- सोडियम नाइट्रेट (NaNO₃)
3. पोटैशियम परिवार
- पोटैशियम सल्फेट (K₂SO₄)
- पोटैशियम सल्फाइड (K₂SO₃)
4. अमोनियम परिवार
- अमोनियम सल्फेट ((NH₄)₂SO₄)
- अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl)
5. क्लोराइड परिवार
- कैल्शियम क्लोराइड (CaCl₂)
- अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl)
अमाशय रस (Gastric Juice)
हमारे पेट में उपस्थित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) को ही अमाशय रस कहा जाता है।
यह भोजन को पचाने में मदद करता है और हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है।
क्लोर क्षार प्रक्रिया (Chlor-Alkali Process)
जब सोडियम क्लोराइड (NaCl) के जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो यह अपघटित (electrolyzed) होकर
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), क्लोरीन (Cl₂) और हाइड्रोजन (H₂) गैस बनाता है।
इसी अभिक्रिया को क्लोर क्षार प्रक्रिया कहा जाता है।
उपज: NaOH + Cl₂ + H₂
क्लोरीन के उपयोग
- पेय जल को रोगाणुरहित बनाने में
- विरंजक चुर्ण (Bleaching Powder) और HCl के उत्पादन में
- कपड़ों और कागज़ के रंग को विरंजित (bleach) करने में
हाइड्रोजन के उपयोग
- रॉकेट ईंधन के रूप में
- अमोनिया निर्माण (NH₃) में
- वनस्पति घी (Vanaspati Ghee) बनाने में
ब्लीचिंग पाउडर या विरंजक चुर्ण (Bleaching Powder)
रासायनिक नाम: कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड (CaOCl₂)
बनाने की विधि:
ठोस बुझे हुए चूने (Ca(OH)₂) पर लगभग 313 K तापमान पर क्लोरीन गैस प्रवाहित करने से ब्लीचिंग पाउडर बनता है।
रासायनिक अभिक्रिया:
Ca(OH)₂ + Cl₂ → CaOCl₂ + H₂O
गुण:
- यह हल्का पीला-सफेद चुर्ण होता है।
- यह अस्थायी (अस्थिर) यौगिक है।
- वायु के संपर्क में आने पर इससे क्लोरीन गैस निकल जाती है।
उपयोग:
- जल को रोगाणुरहित (disinfect) करने में।
- O₂, Cl₂, और क्लोरोफॉर्म के निर्माण में।
- कागज़ उद्योग में लकड़ी के मज्जा को विरंजित करने में।
- कीटाणुनाशक के रूप में।
बेकिंग सोडा या खाने वाला सोडा (Baking Soda)
रासायनिक नाम: सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO₃)
बनाने की विधि:
इसे सॉल्वे विधि (Solvay Process) द्वारा तैयार किया जाता है।
इस विधि में सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में अमोनिया (NH₃) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) प्रवाहित की जाती है।
गुण:
- यह सफेद, रवादार ठोस पदार्थ होता है।
- यह जल में थोड़ा घुलनशील होता है।
- इसका जलीय विलयन क्षारीय होता है।
- इसका pH मान 7 से अधिक होता है।
उपयोग:
- अम्लता (acidity) को कम करने वाली औषधि में।
- बेकिंग पाउडर के निर्माण में।
- प्रयोगशालाओं में प्रतिकारक (neutralizing agent) के रूप में।
- पेय पदार्थों और शराब में झाग उत्पन्न करने हेतु।
धोने का सोडा या धोबिया सोडा (Washing Soda)
रासायनिक नाम: सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट (Na₂CO₃·10H₂O)
बनाने की विधि:
पहले बेकिंग सोडा (NaHCO₃) को गर्म करने से सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) प्राप्त किया जाता है।
इसके बाद इसे जल से स्फटिकीकृत (crystallized) करके धोवन सोडा बनाया जाता है।
गुण:
- यह सफेद, पारदर्शी रवादार ठोस होता है।
- यह जल में आसानी से घुलनशील है।
- इसका विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है।
उपयोग:
- कठोर जल को मृदु बनाने में।
- घरों की सफाई के लिए।
- काँच, साबुन और कागज उद्योगों में।
- पेट्रोलियम को शुद्ध करने में।
क्रिस्टलन का जल (Water of Crystallization)
लवण की एक सूत्र इकाई में उपस्थित जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहा जाता है।
उदाहरण: कॉपर सल्फेट (CuSO₄·5H₂O) में 5 जल अणु होते हैं।
प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris)
रासायनिक नाम: कैल्शियम सल्फेट अर्धहाइड्रेट (CaSO₄·½H₂O)
बनाने की विधि:
जिप्सम (CaSO₄·2H₂O) को लगभग 373 K ताप पर गर्म करने पर यह जल के ⅔ अणु छोड़ देता है और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता है।
अभिक्रिया:
CaSO₄·2H₂O → CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O
गुण:
- यह सफेद रंग का चुर्ण होता है।
- यह जल के साथ तेजी से अभिक्रिया कर जिप्सम में परिवर्तित हो जाता है।
उपयोग:
- टूटी हड्डियों को स्थिर रखने में (शल्य चिकित्सा में)।
- दरवाजों और खिड़कियों के छेद बंद करने में।
- खिलौने, मूर्तियाँ और सजावटी वस्तुएँ बनाने में।
- अग्निरोधक पदार्थों और चिकनी दीवारों के निर्माण में।
पीतल और ताँबे के बर्तनों में दही या खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
दही और अन्य खट्टे पदार्थों में अम्ल होता है, जो धातु (जैसे ताँबा या पीतल) के साथ अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाता है।
इससे भोजन खाने योग्य नहीं रहता और बर्तन संक्षारित (corroded) हो जाते हैं।
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती?
शुष्क HCl गैस में हाइड्रोजन आयन (H⁺) उपस्थित नहीं होते, इसलिए यह अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करती।
इस कारण शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलता।
साधारण नमक खुला छोड़ने पर पसीज जाता है क्यों?
साधारण नमक में थोड़ी मात्रा में मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl₂) अशुद्धि के रूप में मौजूद रहती है। यह एक हाइड्रोस्कोपिक (नमी सोखने वाला) पदार्थ है, जो हवा से नमी को अवशोषित कर लेता है।
इसी कारण, जब साधारण नमक को हवा में खुला छोड़ दिया जाता है, तो यह पसीज जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
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